डीबीएमएस के लाभ
डीबीएमएस के लाभ
1.रिडण्डेंसी नियंत्रण
इसका अर्थ है एक ही डाटा को बार -बार स्टोर करना। इससे कई समस्याऐं उत्पन्न होता हैं- – ऐसी हर फाईल में सिंगल लॉजिकल अपडेट करने की आवश्यकता होती है जहाँ एक ही डाटा स्टोर होता है। इससे डाटा का डुप्लीकेशन होता है। – जब एक ही डाटा कई बार स्टोर किया जाता है तो स्टोरेज स्पेस व्यर्थ होती है। – वे फाईलें इन्कन्सीस्टेन्ट(परस्पर विरोधी) हो सकती हैं – जो एक ही डाटा को रिप्रेसेन्ट करती हैं। ऐसा इसलिए – क्योंकि एक अपडेट एक फाईल को सप्लाई की जा चुकी है, परन्तु अन्य को नहीं अर्थात् रिडण्डेंसी के कारण कुछ डाटा अपडेट किये गये होते हैं और कुछ नहीं। यही डाटा को इन्कन्सीस्टेन्ट बना देता है। इस समस्या को हल करने, व क्वैरिज की कार्यक्षमता को सुधारने के लिए, रिडण्डेंसी को नियंत्रित करना पड़ता है।
इसका अर्थ है एक ही डाटा को बार -बार स्टोर करना। इससे कई समस्याऐं उत्पन्न होता हैं- – ऐसी हर फाईल में सिंगल लॉजिकल अपडेट करने की आवश्यकता होती है जहाँ एक ही डाटा स्टोर होता है। इससे डाटा का डुप्लीकेशन होता है। – जब एक ही डाटा कई बार स्टोर किया जाता है तो स्टोरेज स्पेस व्यर्थ होती है। – वे फाईलें इन्कन्सीस्टेन्ट(परस्पर विरोधी) हो सकती हैं – जो एक ही डाटा को रिप्रेसेन्ट करती हैं। ऐसा इसलिए – क्योंकि एक अपडेट एक फाईल को सप्लाई की जा चुकी है, परन्तु अन्य को नहीं अर्थात् रिडण्डेंसी के कारण कुछ डाटा अपडेट किये गये होते हैं और कुछ नहीं। यही डाटा को इन्कन्सीस्टेन्ट बना देता है। इस समस्या को हल करने, व क्वैरिज की कार्यक्षमता को सुधारने के लिए, रिडण्डेंसी को नियंत्रित करना पड़ता है।
2.अनाधिकृत एक्सेस प्रतिबंधन
जब अनेक यूजर्स, एक डाटाबेस को आपस में बाँटते हैं, तब संभव है कि कुछ यूजर्स डाटाबेस पर उपलब्ध पूरी जानकारी को एक्सेस करने का अधिकार नहीं रखते हों। इसलिए, एक्सेस ऑपरेशन का प्रकार भी नियंत्रित होना चाहिए। डीबीएमएस को एक सुरक्षा और प्राधिकरण सबसिस्टम प्रदान करना चाहिए, जिसके प्रयोग डीबीए खाते बनाने और सीमाऐं निर्धारित करने के लिए करे।
अधिकतर डाटाबेस एप्लीकेशन्स के कुछ इन्टेग्रीटी कन्सट्रेन्ट्स होते हैं- जो डाटा पर लागू होने चाहिए। एक डीबीएमएस को इन प्रतिबंधों को परिभाषित व लागू करने की क्षमताऐं प्रदान करना चाहिए। सबसे साधारण प्रकार के इन्टेग्रीटी कन्सट्रेन्ट्स के अन्तर्गत हर डाटा आईटम का डाटा टाइप निर्धारित करना आता है। इन्टेग्रीटी की समस्या, यह सुनिश्चित समस्या है – कि डाटाबेस में स्टोर किया गया डाटा सटीक है या नहीं।
जब अनेक यूजर्स, एक डाटाबेस को आपस में बाँटते हैं, तब संभव है कि कुछ यूजर्स डाटाबेस पर उपलब्ध पूरी जानकारी को एक्सेस करने का अधिकार नहीं रखते हों। इसलिए, एक्सेस ऑपरेशन का प्रकार भी नियंत्रित होना चाहिए। डीबीएमएस को एक सुरक्षा और प्राधिकरण सबसिस्टम प्रदान करना चाहिए, जिसके प्रयोग डीबीए खाते बनाने और सीमाऐं निर्धारित करने के लिए करे।
अधिकतर डाटाबेस एप्लीकेशन्स के कुछ इन्टेग्रीटी कन्सट्रेन्ट्स होते हैं- जो डाटा पर लागू होने चाहिए। एक डीबीएमएस को इन प्रतिबंधों को परिभाषित व लागू करने की क्षमताऐं प्रदान करना चाहिए। सबसे साधारण प्रकार के इन्टेग्रीटी कन्सट्रेन्ट्स के अन्तर्गत हर डाटा आईटम का डाटा टाइप निर्धारित करना आता है। इन्टेग्रीटी की समस्या, यह सुनिश्चित समस्या है – कि डाटाबेस में स्टोर किया गया डाटा सटीक है या नहीं।
4.स्टैण्डर्डस लागू किये जा सकते हैं
डाटाबेस केन्द्रीय नियंत्रण के साथ, डीबीए यह सुनिश्चित कर सकता है कि डाटा के रिप्रेजेन्टेशन को स्टैण्डराइज करना, विभिन्न सिस्टम्स के मध्य डाटा के इन्टरचेंज में उपयोगी होता है।
डाटाबेस केन्द्रीय नियंत्रण के साथ, डीबीए यह सुनिश्चित कर सकता है कि डाटा के रिप्रेजेन्टेशन को स्टैण्डराइज करना, विभिन्न सिस्टम्स के मध्य डाटा के इन्टरचेंज में उपयोगी होता है।
5.बैकअप और रिकवरी प्रदान करना
डीबीएमएस का बैकअप और रिकवरी सबसिस्टम, रिकवरी के लिए जिम्मेदार होता है। साथ ही रिकवरी सबसिस्टम यह भी सुनिश्चित करता है कि प्रोग्राम उसी बिन्दु से दोबारा प्रारंभ हो जहां पर वह रूका था ताकि इसका पूरा प्रभाव डाटाबेस पर रिकॉर्ड हो जाए।
डीबीएमएस का बैकअप और रिकवरी सबसिस्टम, रिकवरी के लिए जिम्मेदार होता है। साथ ही रिकवरी सबसिस्टम यह भी सुनिश्चित करता है कि प्रोग्राम उसी बिन्दु से दोबारा प्रारंभ हो जहां पर वह रूका था ताकि इसका पूरा प्रभाव डाटाबेस पर रिकॉर्ड हो जाए।
6.एप्लीकेशन डेवलपमेंट टाईम को कम करना
एक बार जब डाटाबेस तैयार हो जाता है, तब वह नये डाटाबेस की डिजाइनिंग और इम्प्लीमेंटिंग की अपेक्षा कम समय लेता है।
एक बार जब डाटाबेस तैयार हो जाता है, तब वह नये डाटाबेस की डिजाइनिंग और इम्प्लीमेंटिंग की अपेक्षा कम समय लेता है।
7.सरलता (फ्लेक्सिब्लिटि)
डीबीएमएस स्टोर किये जा चुके डाटा या उपस्थित एप्लीकेशन प्रोग्राम को प्रभावित किये बिना डाटा के स्ट्रक्चर में कुछ बदलावों की आज्ञा देता है।
डीबीएमएस स्टोर किये जा चुके डाटा या उपस्थित एप्लीकेशन प्रोग्राम को प्रभावित किये बिना डाटा के स्ट्रक्चर में कुछ बदलावों की आज्ञा देता है।
Post a Comment