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                हिन्दू धर्म और कलयुग




सबसे बड़ा धर्म है इंसानियत का और इसमें कोई शक नहीं है की इस धर्म को मानने वाले ही कुछ सभ्य लोगों ने निर्माण किया होगा महान हिन्दू धर्म का, ताकि ज्ञान रुपी प्रकाश पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता रहे.…
हिन्दू धर्म को दुनिया का सबसे पुराना धर्म माना गया है। हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रन्थ ज्ञान का अथक भंडार हैं।

इन सबके  बावजूद भारत और बाकि दुनिया में लालच, द्वेष और पाप बढ़ता ही जा रहा है, तो क्या ये कलयुग की शुरुआत है?
हिन्दू धर्म के अनुसार कलयुग में इस दुनिया का अंत होगा जब धरती पाप का बोझ सह नहीं पायेगी। दुनिया में क्या-क्या चल रहा है अगर गौर किया जाये  इस्से तो लगता है की कलयुग की शुरुआत हो चुकी है!
लोग लालच में गलत काम किये जा रहे है, अपने लालच के आगे ऐसे लोग सही गलत कुछ नहीं सोचते, तो बताइये इंसान और जानवरों में फर्क ही क्या रह गया? इंसान की बदौलत ही हमारी धरती और पर्यावरण लगातार विनाश की और बढ़ रहे हैं।

हिन्दू धर्म के अनुसार कलयुग में जब पाप हद से ज्यादा बढ़ जायेगा तब कल्कि भगवान स्वयं आएंगे इस धरती को पापमुक्त करने।
ईसाईयों की पवित्र बाइबिल में भी कुछ ऐसा ही जिक्र है की एक वक़्त ऐसा आएगा जब धरती पे पाप सर्वोच्च अवस्था पे होगा तब स्वयं इसा-मसीह धरती पर दोबारा लौट के आएंगे।


वैसे ये बात तो निश्चित है की दुनिया की कोई भी चीज़ अमर नहीं है, हमारे चाँद और सूरज भी एक न एक दिन ख़त्म हो जायेंगे। मतलब इस दुनिया को तो एक न एक दिन ख़त्म होना ही है पर ये देखना दिलचस्प होगा की ईश्वर खुद आके ऐसा करते हैं या फिर सब प्राकृतिक रूप से धीरे-धीरे होगा।

आने वाले वक़्त में हो तो ये भी सकता है की किसी और गृह पे रहने वाले परजीवी पृथ्वी को खोज लें, अगर वो ऐसा हमसे पहले कर लेते हैं तो इतना तो साफ़ होगा की वो हमसे कहीं ज्यादा उन्नत हैं, और हो सकता है हम उन्हें भगवन समझ बैठें। ऐसे में विनाश की और बढ़ती हमारी धरती और प्रकृति को बचाने में वो हमारी मदद करेंगे या या हमारा ही सफाया कर देंगे ये तो वक़्त ही बताएगा।

इन दोनों बातों में से जो भी हो, हिन्दू धर्म और बाकि धर्मो द्वारा की गयी भविष्यवाणी तो सच हो ही जाएगी।

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