डीबीएमएस की संरचना(आर्किटेक्चर)
यह तीन स्तरों से बनता है-
1.आन्तरिक स्तर(Internal level)
इस स्तर में, यह डाटाबेस के भौतिक संग्रहण संरचना का वर्णन करता है। वह डाटा संग्रहण की पूर्ण जानकारी का और डाटाबेस के लिए एक्सेस पाथ का वर्णन करता है। वह यह भी निर्धारित करता है कि कौन सी इन्डेक्सेस मौजूद हैं, स्टोर किए गए रिकॉर्ड किस क्रम में हैं आदि।
इस स्तर में, यह डाटाबेस के भौतिक संग्रहण संरचना का वर्णन करता है। वह डाटा संग्रहण की पूर्ण जानकारी का और डाटाबेस के लिए एक्सेस पाथ का वर्णन करता है। वह यह भी निर्धारित करता है कि कौन सी इन्डेक्सेस मौजूद हैं, स्टोर किए गए रिकॉर्ड किस क्रम में हैं आदि।
2.बाहरी स्तर(External level)
इस स्तर में, डाटा व्यक्तिगत यूजर द्वारा उपयोग में लाया जाता है। यह डाटाबेस के उस भाग का वर्णन करता है जो यूजर के लिए उपयोगी होती है। यह डाटाबेस की सूची को यूजर से छिपाता है। यह स्तर अलग -अलग यूजर के लिए अलग -अलग होता है।
इस स्तर में, डाटा व्यक्तिगत यूजर द्वारा उपयोग में लाया जाता है। यह डाटाबेस के उस भाग का वर्णन करता है जो यूजर के लिए उपयोगी होती है। यह डाटाबेस की सूची को यूजर से छिपाता है। यह स्तर अलग -अलग यूजर के लिए अलग -अलग होता है।
3.विचार संबंधी स्तर(Conceptual level)
इस स्तर में, पूर्ण डाटाबेस की संरचना का वर्णन होता है। इसमें बाहरी स्तर से विचार संबंधी स्तर तक की मैपिंग होती है, और विचार संबंधी स्तर से आन्तरिक स्तर तक की मैपिंग होती है। यह स्तरों के मध्य जानकारी के रूपान्तरण की प्रक्रिया है।
इस स्तर में, पूर्ण डाटाबेस की संरचना का वर्णन होता है। इसमें बाहरी स्तर से विचार संबंधी स्तर तक की मैपिंग होती है, और विचार संबंधी स्तर से आन्तरिक स्तर तक की मैपिंग होती है। यह स्तरों के मध्य जानकारी के रूपान्तरण की प्रक्रिया है।
विचार संबंधी – आंतरिक मैपिंग
यह, कॉन्सेप्चुअल व्यू को और स्टोर किए जा चुके डाटाबेस के मध्य अनुकूलता को परिभाषित करता है। यह ये निर्धारित करता है कि कॉन्सेप्चुअल रिकॉर्ड्स और फिल्ड्स आन्तरिक स्तर पर कैसे प्रदर्शित किए जा सकते हैं। अगर स्टोर किए जा चुके डाटाबेस की संरचना बदलती है या डाटाबेस में कोई परिवर्तन किया जाता है, तब इसके अनुसार ही कॉन्सेप्चुअल-आन्तरिक मैपिंग को भी परिवर्तित किया जाना चाहिए, ताकि कॉन्सेप्चुअल स्कीमा अनुकूल रहे।
यह, कॉन्सेप्चुअल व्यू को और स्टोर किए जा चुके डाटाबेस के मध्य अनुकूलता को परिभाषित करता है। यह ये निर्धारित करता है कि कॉन्सेप्चुअल रिकॉर्ड्स और फिल्ड्स आन्तरिक स्तर पर कैसे प्रदर्शित किए जा सकते हैं। अगर स्टोर किए जा चुके डाटाबेस की संरचना बदलती है या डाटाबेस में कोई परिवर्तन किया जाता है, तब इसके अनुसार ही कॉन्सेप्चुअल-आन्तरिक मैपिंग को भी परिवर्तित किया जाना चाहिए, ताकि कॉन्सेप्चुअल स्कीमा अनुकूल रहे।
बाहरी-कॉन्सेप्चुअल मैपिंग
यह एक विशिष्ट बाहरी व्यू और कॉन्सेप्चुअल व्यू के मध्य परस्पर अनुकूलता को परिभाषित करता है। एक ही समय पर बाहरी व्यू की कोई भी संख्या मौजूद हो सकती है, किसी भी संख्या में यूजर्स दिए गए एक बाहरी व्यू को आपस में बाँट सकते हैं।
यह एक विशिष्ट बाहरी व्यू और कॉन्सेप्चुअल व्यू के मध्य परस्पर अनुकूलता को परिभाषित करता है। एक ही समय पर बाहरी व्यू की कोई भी संख्या मौजूद हो सकती है, किसी भी संख्या में यूजर्स दिए गए एक बाहरी व्यू को आपस में बाँट सकते हैं।
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