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डाटा मॉडल

डाटा मॉडल
          यह उन विचारों का संग्रह है जो डाटाबेस के स्ट्रक्चर के वर्णन करने में किये जा सकते हैं अर्थात् इसका उपयोग डाटा का वर्णन करने, डाटा के मध्य संबंधों का वर्णन करने इन्टरफेस, डाटा सिमेन्टिक्स और कन्सिस्टैन्सी कन्सट्रैन्ट्स का वर्णन करने के कार्य के लिए होता है। डाटा मॉडल तीन समूहों में विभाजित होता है-

1. ऑब्जक्ट बेस्ड लॉजिकल मॉडल-
इसका उपयोग विचार संबंधी व्यू स्तर पर डाटा का वर्णन करने के लिए किया जाता है। ये निम्न प्रकार के होते हैं-
-इन्टीटी रिलेशनशिप मॉडल
-ऑब्जक्ट ओरिइन्टेड मॉडल
-बाइनरी मॉडल
-सिमेन्टिक्स डाटा मॉडल
-फंक्शनल डाटा मॉडल
2. रिकॉर्ड बेस्ड लॉजिकल मॉडल-
इसका प्रयोग भी विचार संबंधी(conceptual) व्यू स्तर पर डाटा का वर्णन करने हेतू होता है। यह स्थाई फार्मेट रिकॉर्ड टाइप में प्रयोग किया जाता है। प्रत्येक रिकॉर्ड टाइप में एट्रीब्यूट्स की संख्या या फिल्ड्स होती हैं और हर फिल्ड निश्चित लंबाई की होती है। इसमें तीन मॉडल होते हैं-
-रिलेशनल मॉडल
-नेटवर्क मॉडल
-हाइरारिकल मॉडल
3.फिजिकल डाटा मॉडल-
इसका प्रयोग, आन्तरिक स्तर पर न्यूनतम स्तर पर डाटा का वर्णन करने हेतु किया जाता है।
(1)इंटिटि- यह वास्तविक दुनिया की वस्तुओं को दर्शाती है।
(2)एट्रीब्यूट- यह उपभोक्ता का नाम, पता आदि जैसी इंटिटि का वर्णन करता है।
(3) इंटिटि सेट- यह एट्रीब्यूट्स और फिल्ड्स का संग्रह है।
(4)रिलेशनलशीप- यह इंटिटिज के मध्य परस्पर संबंधों को दर्शाता है।
(5)रिलेशनलशीप सेट- एक ही प्रकार की रिलेशनलशीप का समूह है। दो इंटिटि सेट के मध्य के संबंध को रिलेशनलशीप सेट कहते हैं।

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