रिलेशनल एलजेब्रा
रिलेशनल एलजेब्रा
यह एक प्रोसिजरल क्वैरी लैंग्वेज है । यह ऑपरेशन्स के ऐसे समूह से मिलकर बनती है, जो एक या दो रिलेशन पर इनपुट की तरह कार्य करते हैं और परिणाम प्राप्त करने के लिए नए रिलेशन्स की रचना करते हैं । मूल ऑपरेशन्स हैं-
1.सलेक्ट ऑपरेशन
इसे एक ऐसा ट्यूपल चुनने के लिए उपयोग में लाया जाता है, जो एक दी गई शर्त(कंडीशन) को पूरा करता हो । इसे सिग्मा नोटेशन से दर्शाया जाता है।
1.सलेक्ट ऑपरेशन
इसे एक ऐसा ट्यूपल चुनने के लिए उपयोग में लाया जाता है, जो एक दी गई शर्त(कंडीशन) को पूरा करता हो । इसे सिग्मा नोटेशन से दर्शाया जाता है।
2.प्रोजेक्ट ऑपरेशन
यह एक यूनरी ऑपरेटर है, प्रोजेक्ट ऑपरेशन टेबल में से कुछ कॉलम्स को सलेक्ट करता है और अन्य को छोड़ देता है। इसे पाई नोटेशन से दर्शाया जाता है।
3.सेट ऑपरेशन
यह उस ट्यूपल को दोनों रिलेशन्स में ज्ञात करता है। इस यूनियन ऑपरेशन को सेट थ्योरी की तरह U से दर्शाया जाता है। सेट ऑपरेशन के प्रकार निम्न हैं-
यह एक यूनरी ऑपरेटर है, प्रोजेक्ट ऑपरेशन टेबल में से कुछ कॉलम्स को सलेक्ट करता है और अन्य को छोड़ देता है। इसे पाई नोटेशन से दर्शाया जाता है।
3.सेट ऑपरेशन
यह उस ट्यूपल को दोनों रिलेशन्स में ज्ञात करता है। इस यूनियन ऑपरेशन को सेट थ्योरी की तरह U से दर्शाया जाता है। सेट ऑपरेशन के प्रकार निम्न हैं-
अ)यूनियन ऑपरेशन
इस स्थिति में कहा जा सकता है कि दोनों रिलेशन में ट्यूपल उपस्थित हैं। इसे U द्वारा दर्शाया जाता है।
इस स्थिति में कहा जा सकता है कि दोनों रिलेशन में ट्यूपल उपस्थित हैं। इसे U द्वारा दर्शाया जाता है।
(ब)सेट इन्टरसेक्शन ऑपरेशन
इसमें केवल वे ट्यूपल्स शामिल हैं जो दोनो रिलेशन्स में मौजूद(कॉमन) हैं।
इसमें केवल वे ट्यूपल्स शामिल हैं जो दोनो रिलेशन्स में मौजूद(कॉमन) हैं।
(स)सेट डिफरेन्स ऑपरेशन
इस स्थिति में हम देखते हैं कि ट्यूपल एक रिलेशन में तो उपस्थित है परन्तु दूसरे में नहीं। इसे (-) से दर्शाया जाता है।
इस स्थिति में हम देखते हैं कि ट्यूपल एक रिलेशन में तो उपस्थित है परन्तु दूसरे में नहीं। इसे (-) से दर्शाया जाता है।
4.कार्टिसिअन प्रोडक्ट
यह ऑपरेशन हमें दो रिलेशन्स से मिली जानकारी को जोड़ने की अनुमति देता है। इसे X द्वारा दर्शाया जाता है।
यह ऑपरेशन हमें दो रिलेशन्स से मिली जानकारी को जोड़ने की अनुमति देता है। इसे X द्वारा दर्शाया जाता है।
5.रिनेम ऑपरेशन
यह रिलेशन नेम या एट्रीब्यूट नेम को या फिर दोनों को रिनेम कर सकता है।
यह रिलेशन नेम या एट्रीब्यूट नेम को या फिर दोनों को रिनेम कर सकता है।
6.नेचुरल ज्वाइन ऑपरेशन
यह एक बाइनरी ऑपरेशन है। यहाँ ये सलेक्शन और कार्टिसिअन प्रोडक्ट को एक ऑपरेशन में मिला देता है। इसे JOIN चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है।
यह एक बाइनरी ऑपरेशन है। यहाँ ये सलेक्शन और कार्टिसिअन प्रोडक्ट को एक ऑपरेशन में मिला देता है। इसे JOIN चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है।
टपल रिलेशनल कैल्कुलस
एक कैल्कुलस एक्सप्रेशन यह निर्धारित करता है कि क्या रिट्राइव किया जाना है, वह यह निर्धारित नहीं करता कि कैसे रिट्राइव करना है। रिलेशनल कैल्कुलस को एक नॉन-प्रोसिजरल लैंग्वेज माना जाता है। यह रिलेशनल एलजेब्रा से अलग होता है जहां हमें रिट्राइव रिक्वेस्ट निर्धारित करने के लिए ऑपरेशन का क्रम(सिक्वेंस) लिखना होता है, इस कारण इसे क्वैरी निर्दिष्ट करने के एक प्रोसिजरल तरीके की तरह माना जा सकता है।
एक कैल्कुलस एक्सप्रेशन यह निर्धारित करता है कि क्या रिट्राइव किया जाना है, वह यह निर्धारित नहीं करता कि कैसे रिट्राइव करना है। रिलेशनल कैल्कुलस को एक नॉन-प्रोसिजरल लैंग्वेज माना जाता है। यह रिलेशनल एलजेब्रा से अलग होता है जहां हमें रिट्राइव रिक्वेस्ट निर्धारित करने के लिए ऑपरेशन का क्रम(सिक्वेंस) लिखना होता है, इस कारण इसे क्वैरी निर्दिष्ट करने के एक प्रोसिजरल तरीके की तरह माना जा सकता है।
डोमेन रिलेशनल कैल्कुलस
डोमेन रिलेशनल कैल्कुलस, टपल रिलेशनल कैल्कुलस से भिन्न है क्योंकि इसमें प्रयुक्त होने वाले वेरियबल के टाइप भिन्न-भिन्न होते हैं, यहाँ वेरियबल ट्यूपल पर रेन्ज नहीं करते अपितु वेरियबल एट्रीब्यूट के डोमेन से सिंगल विल्यू पर रेन्ज करते हैं।
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