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कम्प्यूटर हार्डवेयर:इनपुट,आउटपुट डिवाइस

 हमने जाना कि पैरिफैरल्स (Peripherals) हार्डवेयर के वह इलेक्ट्रो-मैकनिकल भाग हैं जो सीपीयू में बाहर से जोड़े जाते हैं. ये सीपीयू को प्रोग्राम्ड निर्देश या आंकड़े उपलब्ध कराते हैं और सीपीयू द्वारा प्रोसेस्ड जानकारी को ग्रहण करते हैं. पैरिफैरल्स को मुख्यत: दो भागों में बांटा जा सकता है.
1. इनपुट डिवाइस 2. आउटपुट डिवाइस

इनपुट डिवाइस
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह वह डिवाइस है जिनके द्वारा हम कम्प्यूटर को निर्देश देते हैं. इनसे संदेश लेकर कम्प्यूटर उन पर प्रोग्राम के अनुरूप काम करता है. जैसे कि की-बोर्ड,माउस,जॉय स्टिक,माइक्रोफोन आदि.
की-बोर्ड : की-बोर्ड किसी भी कम्प्यूटर की प्रमुख इनपुट डिवाइस है.कम्प्यूटर के की-बोर्ड में भी सारे अक्षर टाइपराइटर की तरह के क्रम में होते हैं.लेकिन की-बोर्ड में टाइपराइटर से ज्यादा बटन होते हैं. इसमें कुछ फंक्शन बटन होते हैं जिनको बार बार किये जाने वाले कामों के लिये पूर्वनिर्धारित किया जा सकता है. जैसे आमतौर पर F1 बटन को सहायता के लिये प्रोग्राम किया जाता है. की बोर्ड को कम्प्यूटर से जोड़ने के लिये एक विशेष जगह (पोर्ट) होती है.लेकिन आजकल बाजार में यू.एस.बी. की बोर्ड भी आ रहे हैं जो कम्प्यूटर के यू.एस.बी. पोर्ट में लग जाते हैं. इसी प्रकार वायरलैस की बोर्ड भी आते हैं जिनको कम्प्यूटर से जोड़ने की भी जरूरत नहीं होती. इस प्रकार के की-बोर्ड बैटरी से चलते हैं.
माउस : माउस भी एक इनपुट डिवाइस है लेकिन इसमें आमतौर पर तीन बटन होते हैं लैफ्ट बटन, राइट बटन और एक मिडिल व्हील.माउस के इस्तेमाल से आपको की बोर्ड के किसी बटन को याद रखने की आवश्यकता नहीं होती.बस माउस के पॉइंटर को स्क्रीन पर किसी नियत स्थान पर क्लिक करना होता है.

आउटपुट डिवाइस
जिस प्रकार इनपुट डिवाइस प्रयोक्ता  (User) से निर्देश लेने के लिये काम आती है उसी प्रकार आउटपुट डिवाइस वो डिवाइस है जिनके द्वारा हम कंम्यूटर द्वारा प्रोसेस्ड जानकारी को देखते या ग्रहण करते हैं. मुख्य रूप से स्क्रीन (मॉनीटर) एवं प्रिंटर इसके उदाहरण है.
मॉनीटर : कम्प्यूटर को हम जो भी निर्देश देते हैं या जिस प्रोसेस्ड जानकारी को हम ग्रहण करते हैं उसे हम मोनीटर पर देखते हैं.मुख्य: रूप से दो प्रकार के मॉनीटर आजकल प्रचलन में हैं.
सी.आर.टी मॉनीटर :यह मॉनीटर उसी सिद्धांत पर काम करता है जिस पर हमारे घर का पुराना वाला टीवी. इसमें एक कैथोड रे ट्यूब होती है इसीलिये इसे सी.आर.टी मॉनीटर कहा जाता है. यह थोड़ा बड़ा होता है और इसकी स्क्रीन थोड़ी मुड़ी (Curved) हुई रहती है.
टी.एफ.टी मॉनीटर : यह एक सीधा (फ्लैट) मॉनीटर होता है. यह वजन में कम होता है और जगह भी कम घेरता है. यह सी.आर.टी. मॉनीटर से अपेक्षाकृत मँहगा होता है.
प्रिंटर : आवश्यकता, कार्य क्षमता और बजट के हिसाब से प्रिंटर अलग अलग तरह के होते हैं. लेकिन घरों में मुख्यत: तीन तरह के प्रिंटर इस्तेमाल किये जाते हैं.
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर : इस प्रिंटर में रिब्बन का उपयोग होता है. यह भी 80 कॉलम और 132 कॉलम दो तरह की क्षमताओं में आते हैं. इसमें प्रिंटिंग का खर्चा बांकी प्रिंटरों की अपेक्षा कम आता है लेकिन प्रिंट की गुणवत्ता (क्वालिटी) और स्पीड दूसरे प्रिंटर्स के मुकाबले कम होती है. इसमें एक बार में केवल एक रंग का प्रिंट लिया जा सकता है.इसलिये इसे मोनो प्रिंटर भी कहते हैं.
इंकजैट प्रिंटर : यह इंकजैट टैक्नोलोज़ी पर काम करता है. इसमें मोनो और कलर्ड (रंगीन) दो तरह के प्रिंटर आते हैं.इसकी गुणवत्ता और स्पीड दोनों बेहतर होती है लेकिन इसमें प्रिंटिंग का खर्चा भी ज्यादा होता है.
लेजरजैट प्रिंटर : यह थर्मल तकनीक पर काम करता है. इसमें भी मोनो और कलर्ड (रंगीन) दो तरह के प्रिंटर आते हैं.इसकी गुणवत्ता और स्पीड बांकी प्रिटरों से बेहतर होती है.
आजकल बाजार में आल-इन-वन प्रिटर भी आते हैं जिसे आप प्रिंटर के अलावा फोटो कॉपी मशीन, स्कैनर और फैक्स की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं

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